उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को मंदिर में भगवान राम विराजमान हो जाएंगे. मीडिया में चली खबर के मुताबिक, 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा और राम लला को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा. ये फैसाल अयोध्या में चल रही बैठक में हुआ है. वहीं, कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे और उन्हीं के हाथों मंदिर का उद्घाटन कराया जाएगा. इसके लिए पहले ही न्योता भेजा जा चुका है.
जानकारी के मुताबिक, उद्घाटन से एक हफ्ते पहले ही प्राण प्रतिष्ठा की पूजा शुरू कर दी जाएगी. तैयारियों को लेकर सीएम योगी और पीएम की भी 5 सितंबर को बैठक हो चुकी है. इस संबंध में दिल्ली में पीएम मोदी को प्रेजेंटेशन दिया गया था, जिसमें राम मंदिर म्यूजियम समेत अयोध्या के डेवलपमेंट पर भी चर्चा हुई थी. बताया जा रहा है कि इस साल दिसंबर तक राम मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो जाएगा.
बैठक में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय रहे मौजूद
राम मंदिर उद्घाटन की तैयारियों को लेकर बीते दिन से भवन निर्माण समिति की बैठक चल रही थी. इस बैठक में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विश्व हिंदू परिषण (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार और उपाध्यक्ष जीवेश्वर मिश्रा मौजूद रहे हैं.
अभी हाल ही में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर की पहली मंजिल की तस्वीरें शेयर की थीं. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जायजा लिया था. उन्होंने रामलला की पूजा-अर्चना भी की थी. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोरों से चल रहा है. 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था.
रामलला के पक्ष में फैसला 9 नवंबर, 2019 को आया
फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन की घोषणा की थी. इससे पहले 9 नवंबर, 2019 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच-जजों की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया था और कहा था कि 2.7 एकड़ में फैली पूरी विवादित भूमि को सरकार की ओर से बनाए गए एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा, जो स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की निगरानी करेगा.